Dharmveer Bharti Ka Jeevan Parichay
जीवन परिचय- डॉ० धर्मवीर भारती यशस्वी कवि, नाटककार, कथाकार तथा सुविख्यात सम्पादक के रूप में जाने जाते हैं। इनका जन्म 25 दिसम्बर, सन् 1926 ई० को मुहल्ला अतरसुरइया, प्रयाग, इलाहाबाद में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री चिरंजीवलाल वर्मा और माता का नाम श्रीमती चन्दा देवी था। प्रारम्भिक शिक्षा इलाहाबाद में पूर्ण करने के पश्चात् इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिन्दी में एम० ए० और पी-एच० डी० की उपाधियाॅं प्राप्त कीं। अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद कुछ समय तक इन्होंने इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक पत्र 'संगम' का सम्पादन किया। उसके पश्चात् कुछ समय तक ये इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक भी रहे। सन् 1959 ई० से इन्होंने बम्बई (अब मुम्बई) से प्रकाशित होने वाली हिन्दी की प्रसिद्ध साप्ताहिक पत्रिका 'धर्मयुग' का सम्पादन किया। इनकी साहित्य-साधना से प्रभावित होकर भारत सरकार ने सन् 1972 ई० में इन्हें पद्मश्री की उपाधि से विभूषित किया। 4 सितम्बर, सन् 1997 ई० को इनका स्वर्गवास हो गया।
रचनाऍं-
- काव्य- 'कनुप्रिय', 'सात गीत-वर्ष', 'अन्धा-युग', 'ठण्डा लोहा'।
- उपन्यास- 'गुनाहों का देवता', 'सूरज का सातवाॅं घोड़ा'।
- कहानी-संग्रह- 'चाॅंद और टूटे हुए लोग'।
- निबन्ध संग्रह- 'पश्यन्ती', 'कहनी-अनकहनी'।
- नाटक- 'नदी प्यासी थी'।
- एकांकी-संग्रह- 'नीली झील'।
- आलोचना- 'मानव-मूल्य और साहित्य'।
- अनुवाद- 'देशान्तर' (विदेशी भाषाओं में लिखित कविताओं का हिन्दी में अनुवाद)।
- सम्पादन- 'धर्मयुग', 'संगम'।
भारती जी की भाषा शुद्ध, परिमार्जित खड़ी बोली है। इनकी शैली विषयानुरूप है। इन्होंने विषयानुसार वर्णनात्मक, विवरणात्मक, भावात्मक, चित्रात्मक, समीक्षात्मक एवं व्यंग्यात्मक शैलियों का प्रयोग किया है।
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