Tulsidas Ka Jivan Parichay
( जीवनकाल सन् 1532 ई॰ से सन् 1623 ई॰ ) जीवन परिचय - भारतीय संस्कृति के उन्नायक तथा रामभक्ति शाखा के प्रतिनिधि कवि गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म सन् 1532 ई॰ (वि. सम्वत् 1589) में राजापुर (बाॅंदा जिला) के सरयूपारीण ब्राह्मण-कुल में उत्पन्न हुए थे। इनके पिता का नाम आत्माराम दुबे तथा माता का नाम हुलसी था। जन्म के कुछ दिनों बाद ही माता की मृत्यु हो जाने पर अभुक्त मूल नक्षत्र में उत्पन्न होने के कारण पिता ने इनका त्याग कर दिया। इसी दशा में इनकी भेंट रामानन्दीय सम्प्रदाय के साधु नरहरिदास से हुई, जिन्होंने इनको साथ लेकर विभिन्न तीर्थों का भ्रमण किया- बन्दौ गुरुपद कंज, कृपासिन्धु नर-रूप-हरि। कुछ समय के पश्चात् तुलसीदास स्वामी जी के साथ काशी आ गए, जहाॅं परम विद्वान् महात्मा शेषसनातन जी ने इन्हें वेद-वेदांग, दर्शन, इतिहास, पुराण आदि में निष्णात (प्रवीण) कर दिया। तुलसीदास का विवाह रत्नावली से हुआ, जिनके रूप पर ये अत्यधिक आसक्त थे। पत्नी के एक व्यंग्य से आहत होकर ये संन्यासी हो गए और काशी आ गए। लगभग 20 वर्षों तक इन्होंने समस्त भारत का भ्रमण किया और ये कभी अयोध्या, कभी चित्रकूट और कभी काशी में निव